जन्म नक्षत्र- स्वभाव निर्धारण और नियंत्रण

वैदिक विज्ञान के अनुसार आकाशीय सितारे और चंद्र को नक्षत्र कहा जाता है। वैदिक ज्योतिष के अंतर्गत जब जातक जन्म लेता है तब उस समय जो नक्षत्रों की स्थिति होती है उन्हे जन्म नक्षत्र कहा जाता है। शास्त्रों में कुल 28 नक्षत्रों का जिक्र किया गया है लेकिन इन सभी 28 नक्षत्रों की गणना नहीं की जाती। एक राशि कुल ढाई नक्षत्रों की गणना से बनती है। जन्म कुंडली का निर्माण तत्त्व, राशि, ग्रह दशा, और नक्षत्र के मिलान से किया जाता है। इससे ही जातक के भविष्य की गणना की जाती है। इस बात का निर्धारण जातक की जन्म तिथि एवं समय (future predictions by date of birth free) से किया जाता है। 

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नक्षत्रों की भूमिका 


भारत के प्राचीन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जातक के भविष्य का निर्धारण उसके जन्म से किया जाता है। इसमें जन्म नक्षत्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। कहा जाता है की व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण उसके नक्षत्र की स्थिति के आधार पर होता है। नक्षत्रों की गणना से व्यक्ति, जीवन में घटित होने वाली सभी महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में जान सकता है। 


नक्षत्रों के प्रकार 


जब भी आप किसी अनुभवी ज्योतिष से सलाह (best astrologer online consultation) लेने जाएंगे तो आप यह जान पाएंगे की ज्योतिष सबसे पहले नक्षत्रों की गणना करते है जिससे व्यक्ति के जीवन की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है। ऐसे में यह जानना बेहद ही जरूरी है की नक्षत्र कितने प्रकार के होते है। 


भरणी नक्षत्र: इस नक्षत्र के जातकों के अंदर लालच, अहंकार, झूठ बोलना, आदि जैसे अवगुण होते है इसलिए यह स्वतंत्र निर्णय लेने में असमर्थ होते है। ऐसे नक्षत्र के जातकों का स्वभाव खुशमिजाज होता है और यह महिलाओं को जल्दी आकर्षित करने की क्षमता रखते है। 


अश्विनी नक्षत्र: कार्य प्रभावी, सौम्य स्वभाव, सहनशीलता, बौद्धिक क्षमता, आदि इस नक्षत्र वाले जताको की विशेषता होती है। ऐसे व्यक्ति स्त्री एवं पुरुष दोनों के मध्य अपना काम निकलवाना भली भाति जानते है। साथ ही यह हसमुख मिजाज के होते है। 


रोहिणी नक्षत्र: इस नक्षत्र में जन्म लेने वाला जातक आकर्षक, स्पष्टवादी, एवं मधुर वाणी वाले होता है। ऐसे व्यक्ति सार्वजनिक कार्य करने के इच्छुक होते है। यह बुद्धिमान एवं कलाकार भी होते है। 


क्रतिक नक्षत्र: इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक चुस्त-दुरुस्त, अडिग, कृतघ्न, मित्रों एवं परिवार के हित के लिए कार्य करने वाला व्यक्ति होता है। वे हर कार्य को पूरा करने के लिए जी जान लगा देता है। 


मृगशिरा नक्षत्र: इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक घमंडी, क्रोधी,चतुर एवं लड़ाकू कर्मों मेंं लिप्त होते है।

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